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Sunday, 24 April 2011

दैनिक पत्रिका

छोटे उद्योगों में ज्यादा रोजगार  
 
उज्जैन। छोटे और लघु उद्योग ही लोगों को रोजगार दिलाने में कारगर होते हैं, बड़े उद्योग इस कार्य में कई गुना पीछे हैं। इनकी त्रुटियों को समझकर उन्हें हल करके लघु उद्योगों को बचा लिया जाए, तो हमारा देश फिर से स्वर्ण पंछी कहलाएगा। 


कुछ ऎसे ही विचार देशभर से आए उद्यमियों ने शनिवार को हरिफाटक ब्रिज के समीप रूचिश्री गार्डन में व्यक्त किए। उद्योगपतियों ने अपनी समस्याओं व नई नीतियों को लेकर सुर मिलाया, साथ ही महाकाल की नगरी में लघु उद्योगों की संभावनाओं पर मंथन किया। सम्मेलन में मुख्य अतिथि उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्य मंत्री पारस जैन, प्रसिद्ध अर्थशास्त्री बजरंग लाल गुप्ता दिल्ली, मध्य भारत प्रांत अध्यक्ष उल्लास वैद्य आदि थे। अध्यक्षता आरएसएस के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख हस्तिमल कुमार जी ने की।

लघु उद्योग भारती के प्रदेश प्रभारी एवं केंद्रीय कार्य समिति सदस्य डॉ. अजय नारंग ने मंच के माध्यम से लघु उद्योग सम्मेलन में आए उद्यमियों की मांगों को केंद्र व राज्य सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया। कार्यक्रम में निगम सभापति सोनू गेहलोत, डॉ. मोहन यादव सहित अनेक लोग उपस्थित थे, साथ ही शहर व प्रदेशभर से आए लघु उद्यमियों ने हिस्सा लिया। 

दैनिक पत्रिका

नई उद्योग नीति बनेगी सुविधाएं बढ़ेंगी


उज्जैन। लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित दो दिवसीय मेगा सम्मेलन की समापन बेला में रविवार को नई उद्योग नीति और उसमें सुविधाएं कैसे बढ़ें, इन आयामों को लेकर चर्चा हुई।
हरिफाटक ब्रिज के समीप स्थित रूचिश्री गार्डन में लघु उद्यमी सम्मेलन के समापन अवसर पर आयोजित प्रेसवार्ता में बताया गया कि लघु उद्योगों के बेहतर विकास के लिए देश और समाज को आगे आना होगा। शुभारंभ सत्र में आए उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने उद्यमियों को आश्वस्त किया कि उद्योगों को सहायता में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी। जरूरत सिर्फ जागरूकता की है।


प्रस्तावों पर हुई चर्चा

सम्मेलन में भारत सरकार की आगामी उद्योग नीति कैसे बने, लघु उद्योगों को सरकार कैसे प्रोत्साहन दे, प्रस्तावों पर चर्चा की गई। बैंकों की ऋण योजना, एमपीएफसी से ब्याज दर कम करने की अपील की गई।

समस्याएं भी गिनाई- देशभर से आए उद्यमियों ने समस्याएं भी गिनाई। विद्युत मंडल अधिकारी उद्योग क्षेत्र में फेस बनाते हैं, इसकी जानकारी उद्योगपतियों को नहीं रहती है, जिससे अतिरिक्त बोझ ढोना पड़ता है। इस पर रोक लगाने जरूरी है, जैसी गंभीर समस्याओं पर भी चर्चा हुई। राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद जैन, राष्ट्रीय महामंत्री नंदकिशोर सिंह, मध्य भारत प्रांत अध्यक्ष उल्लास वैद्य, डॉ. अजय नारंग आदि उपस्थित थे।

दैनिक भास्कर 24/04/2011

नईदुनिया 24/04/2011


लघु उद्योगों में जगी नयी उम्मीद / दैनिक भास्कर 24/04/2011


भास्कर संवाददाता.उज्जैन
भारी उद्योग सामाजिक संरचना के पोषक नहीं होते हैं। लघु उद्योगों के जरिए ही समाज को एक नई दिशा मिलती है। अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और सामाजिक संरचना के बेहतर विकास के लिए लघु उद्योगों का बेहतर विकास होना चाहिए। वास्तविकता में किसी भी देश और समाज की पहचान लघु उद्योग ही हैं। लघु उद्योगों के विकास के लिए सभी को मिलकर साथ आने की आवश्यकता है। यह बात प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने लघु उद्यमियों के सम्मेलन में आए लघु उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कही। विजयवर्गीय ने उद्योगपतियों के समक्ष एक वाकया प्रस्तुत करते हुए बताया कि पिछली दिवाली पर वे जब अपने बच्चों के साथ खरीदारी करने गए थे तो बाजार में चाइना की चीजों को देखकर काफी आश्चर्य हुआ। विजयवर्गीय ने कहा कि इस विषय पर राष्ट्रीय चिंतन की आवश्यकता है। क्योंकि जिस तेजी के साथ चाइना की वस्तुएं बाजार में आ रही है उससे देश के कुशल कारीगरों की मेहनत को अपने ही देश में तवज्जो नहीं मिल पा रही है। लघु उद्योग से संबंधित समस्याओं को लेकर उद्योग मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि चुनौतियों के सामने खड़े रहने वाला ही असली इंसान होता है। हालांकि उन्होंने लघु उद्योग भारती के पदाधिकारियों को बातचीत के जरिए समस्याओं को हल करने का आश्वासन देते हुए राज्य सरकार के समक्ष उद्यमियों की समस्याएं रखने की बात कही। राज्यमंत्री पारस जैन ने कहा कि उज्जैन में अगरबत्ती और दोने-पत्तल का व्यापार किया जाता है। कुछ वर्ष पूर्व ही दोने-पत्तलों पर वित्त मंत्री राघवजी से चर्चा कर टैक्स 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया था। आगे भी इसी तरह की पहल सरकार के नुमाइंदे रहकर नहीं अपितु एक आम उद्यमी बनकर की जाएगी। जैन ने कहा कि छोटे और लघु उद्योग ही आगे जाकर बड़े उद्योगों का रूप धारण करते हैं।

सुदृढ़ अर्थव्यवस्था से भारत बनेगा विश्व गुरु

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था से ही उस देश की उन्नति निर्भर होती है। सुदृढ़ अर्थव्यवस्था से ही भारत विश्व गुरु बन सकता है। लघु उद्यमियों के सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. बजरंग लाल गुप्त (नईदिल्ली) ने कहा कि आज हमारे देश में विदेशी नीतियों की नकल हो रही है। जबकि नीतियां प्रत्येक देश और परिस्थिति के आधार पर बनाई जानी चाहिए। अमेरिका का उदाहरण देते हुए डॉ. गुप्त ने कहा अमेरिका ने निन्जास (आय, संपत्ति और रोजगार विहीन लोग) को बिना रिकव्हरी देखे बिना पंद्रह वर्ष पूर्व करीब 1.3 ट्रिलियन डालर के बैंकिंग लोन दिए। जिसके कारण वहां की अर्थव्यवस्थीय नीतियां आज बिगड़ रही है। अमेरिका की नकल करके हमारे देश की अर्थव्यवस्था को सुधारा नहीं जा सकता। अच्छी अर्थव्यवस्था के लिए सबको रोटी, सबको स्वास्थ्य, सबको शिक्षा और सबको रोजगार की नीति अपनाई जानी चाहिए। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए स्थानीय संसाधनों को भी पूरा महत्व दिया जाए। संस्कृति, संसाधन, पर्यावरणीय पहलू, ऊर्जा और रोजगार को मिलाकर बनी अर्थव्यवस्था ही सुदृढ़ अर्थव्यवस्था बनेगी।

नई इकाइयों के सृजन पर मंथन

सम्मेलन से पहले सुबह तीन सत्रों में लघु उद्योग भारती के पदाधिकारियों ने नए प्रदेशों सहित अन्य जिलों में नई इकाइयों के सृजन पर मंथन किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद जैन, राष्ट्रीय मार्गदर्शक सांकलचंद बागरेचा सहित वरिष्ठ पदाधिकारियों ने करीब 25 प्रांतों से आए तीन-तीन पदाधिकारियों के साथ चर्चा की। इसके साथ ही संगठन की रचना और वर्तमान परिदृश्य के साथ ही लघु उद्योगों के विकास और समस्याओं के निराकरण के लिए किए जाने वाले प्रयासों के संबंध में विचार-विमर्श किया। बैठक में करीब महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़ सहित 25 राज्यों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

यह रखी उद्योग मंत्री के समक्ष प्रमुख मांगें

लघु उद्योगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों।

वर्ष 2010 की उद्योग संवर्धन नीति में लघु उद्योगों के लिए किए गए मात्र 

13 करोड़ की राशि के प्रावधान को बढ़ाया जाए।

इंदौर में पोलो ग्राउंड व सांवेर रोड स्थित इंडस्ट्रियल एरिया की सड़क बनाई जाए।

शासन की प्रस्तावित इंडस्ट्रियल टाउन शिप योजना में आ रही कठिनाइयों 

को दूर किया जाकर उसे शीघ्र लागू किया जाए।

लघु उद्योगों में विद्युत मंडल की विजिलेंस की टीमें छापामारी की कार्रवाई नहीं करते हुए एमडी मीटरों के आधार पर शुल्क वसूल करे।

गुना में उद्योगों के लिए स्थापित बिजली योजना को शीघ्र मंजूरी दी जाए।

डीएमआईसी कॉरिडोर को दी जाने वाली सुविधाएं वर्तमान और नए उद्योगों को भी दी जाएं।

स्टाम्प ड्यूटी को कम कर उसे स्पष्ट किया जाए।

क्रय संग्रहण नीति के अंतर्गत धान को भी शामिल किया जाए। जिससे पोहा मिलों को फायदा हो सके।

कम दर पर लघु उद्योगों को कर्ज मुहैया कराया जाए।

25 लाख रु. तक की पूंजी एवं 25 कर्मचारियों वाले लघु उद्योगों में श्रम कानून को समाप्त किया जाए।

राज्य सरकार में लघु उद्योगों के लिए अलग से मंत्रालय बनाया जाए।

राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद जैन ने मांग की कि खाली पड़ी भूमि को उद्योग हेतु दिया जाए। साथ ही सरकार नीतियां निर्धारण करते समय लघु उद्यमियों की बातें सुने।

Saturday, 23 April 2011

आज जमा होंगे लघु उद्यमी


23/04/2011                                                          देश के छोटे व लघु उद्योगों से संबंधित उद्योगपति शनिवार की शाम एक साथ अपनी समस्याओं व नई नीतियों को लेकर सुर में सुर मिलाते नजर आएंगे। लघु उद्योग भारती के बैनर तले शनिवार की शाम लघु उद्यमियों का महाकुंभ होगा। इसके साथ ही लघु उद्योग भारती की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी आहूत की जाएगी। लघु उद्यमियों की उद्योग संबंधित समस्याओं एवं राज्य सरकार के समक्ष मांगों को रखने के मकसद से लघु उद्योग भारती पहली बार लघु उद्यमी सम्मेलन आयोजित कर रही है। इसमें देशभर के सैकड़ों लघु उद्यमी भाग लेंगे। उद्यमी सम्मेलन के माध्यम से अपनी मांगों को राज्य सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। लघु उद्योग भारती की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी होगी, जिसमें उद्यमी समस्याओं और नई नीतियों पर मंथन करेंगे। 23 व 24 अप्रैल को प्रांतीय पदाधिकारी बैठक में हिस्सा लेंगे।

 मध्य भारत प्रांत अध्यक्ष उल्लास वैद्य के अनुसार लघु उद्योग भारती लघु उद्यमियों के हित में काम करने वाला एकमात्र संगठन है। व्यवस्था में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. अजय नारंग, संयोजक नेमीचंद जैन, उपाध्यक्ष राधेश्याम पाटीदार, सचिव कपिल कटारिया व अन्य पदाधिकारी जुटे हैं।



स्थान - हरिफाटक ब्रिज के समीप रुचि-श्री गार्डन

आयोजन - 23 अप्रैल को सुबह 10.30 बजे से 4 बजे तक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक।

शाम 4.30 बजे से 7 बजे तक लघु उद्यमियों का सम्मेलन।

24 अप्रैल की सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक और समापन।

लघु उद्यमी सम्मेलन के अतिथि 

वाणिज्य एवं उद्योगमंत्री कैलाश विजयवर्गीय, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री पारस जैन, सांकलचंद्र बागरेचा, सांसद प्रेमचंद गुड्डू के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के भी आने की संभावना। मुख्य वक्ता के रूप में सम्मेलन को संबोधित करेंगे प्रसिद्ध अर्थशास्त्री बजरंग लाल गुप्ता (नईदिल्ली)। अध्यक्षता करेंगे आरएसएस के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख हस्तीमल कुमार।

सम्मेलन में भाग लेने वाले उद्यमी - करीब 500 लघु उद्यमी

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उपस्थित होने वाले प्रमुख पदाधिकारी - लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद जैन (लुधियाना), राष्ट्रीय महामंत्री नंदकुमार सिंह (रांची), उपाध्यक्ष ओमप्रकाश मित्तल (जयपुर) सहित प्रत्येक प्रांत के अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष भाग लेंगे।

लघु उद्योग मंत्रालय बनाने की होगी प्रमुख मांग

लघु उद्योग सम्मेलन के माध्यम से उद्यमियों द्वारा केंद्र की तर्ज पर मप्र सरकार से लघु उद्योगों के लिए स्वतंत्र मंत्रालय बनाने की मांग की जाएगी। लघु उद्योग भारती के प्रदेश प्रभारी एवं केंद्रीय कार्य समिति सदस्य डॉ. अजय नारंग (भोपाल) के अनुसार लघु उद्योगों के लिए प्रदेश में एक स्वतंत्र मंत्रालय होना चाहिए। इसकी मांग सम्मेलन में की जाएगी। इसके साथ ही लघु उद्योगों को मूलभूत संरचनाएं उपलब्ध कराने की मांग रखी जाएगी। 12 जनवरी 2007 को भोपाल में आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा लघु उद्योगों के लिए स्वतंत्र मंत्रालय बनाने की घोषणा करने के बाद भी मंत्रालय नहीं बनाए जाने पर उद्योगमंत्री कैलाश विजयवर्गीय को घोषणा पर अमल करवाने के लिए रिमाइंडर दिया जाएगा।

यह भी रखी जाएंगी मांगें 

> लघु उद्योगों को मूलभूत सुविधाएं (सड़क, पानी व बिजली) उपलब्ध हों। 

> नगर निगम और एकेवीएन द्वारा प्रापर्टी टैक्स केवल एक संस्था द्वारा ही लिया जाए।

> इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाई जाकर उसमें लघु उद्योग भारती अथवा लघु उद्यमियों को भी स्थान दिया जाए।

> प्रदेश में स्टॉम्प ड्यूटी को कम किया जाए। 

> लघु उद्योगों से लिए जाने वाले फिक्सड चार्ज बंद हों।

> मप्र फाइनेंस कार्पोरेशन द्वारा लघु उद्योगों को कम ऋण दिया जाता है। ऋण की सीमा बढ़ाई जाए, ब्याज दर 7 से 9 प्रतिशत के बीच रखी जाए।

> लघु उद्योगों के उत्पादनों की मार्केटिंग के लिए प्रयास किए जाएं।

Thursday, 21 April 2011

नवदुनिया 22/04/2011


दैनिक भास्कर 22/04/2011


नवभारत 21/04/2011

Daily pioneer

http://www.dailypioneer.com/333492/Laghu-Udyog-Bharti-to-hold-national-convention.html

Laghu Udyog Bharti to hold national convention


Bhopal

The Laghu Udyog Bharti, country’s largest network small-scale industry body, will hold National Convention from April 23 to 25 in Ujjain.

On the sidelines of the two-day conference, a national executive meeting would be held, said State in-charge and National Executive member Ajay Narang here on Thursday.

Chief Minister Shivraj Singh Chouhan has also been invited to attend the event at Ujjain said Narang. The main demand of Laghu Udyog Bharti is creation of an independent department and ministry for the small-scale industries, so that their problems are addressed and resolved effectively, he added.

Talking to mediapersons here, Narang said that in the convention, the members would deliberate upon bringing about reforms in the small-scale industry and end to the inspector raj.

At the national convention, the three main topics are to be discussed — social security of workers in small-scale industry, congenial working environment and a single income tax levied on workers in small-scale industries, said Narang.

Participants from Himachal Pradesh, Punjab, Bihar, West Bengal, Andhra Pradesh and Tamil Nadu are expected in the two-day convention. Members from various districts of Madhya Pradesh are likely to participate including Morena, Bhind, Bhopal, Raisen and Guna. In all 500 people from 24 districts will reach Ujjain, said Narang.

The programme would be chaired by All India Sampark Parmukh of RSS, Hastimal and the Industry Minister Kailash Vijayvargiya will be the chief guest. 


लघु उद्यमियों का दो दिवसीय सम्मलेन 23 से

लघु उद्यमियों का दो दिवसीय सम्मलेन 23 से


भोपाल (एमपी मिरर)।
 देश के सबसे बड़े लघु-उद्योग संगठन लघु उद्योग भारती के तत्वावधान में देश भर के लघु उद्यमियों का सम्मलेन 23 व 24 अप्रैल को उज्जैन में आयोजित किया गया है. इन दो दिनों में संगठन के अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक भी होने वाली है. यह जानकारी संगठन के प्रदेश प्रभारी तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य डॉ. अजय नारंग ने गुरुवार को विश्व संवाद केंद्र पर आयोजित पत्रकार वार्ता में दी. उन्होंने बताया की सम्मलेन में संगठन के माध्यम से देश में ऐसे नीतिगत परिवर्तन के लिए विचार विमर्श किया जाएगा, जिसके फलस्वरूप लघु उद्यमियों को इंस्पेक्टर राज से मुक्ति मिले एवं निम्नलिखित तीन विषयों के लिए उनकी सामाजिक जिम्मेदारी तय की जाएगी.

इस आयोजन में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, बिहार, बंगाल, आंध्र प्रदेश तमिलनाडु सहित देश के विभिन्न प्रान्तों से प्रतिनिधि  शामिल होंगे. इसके अलावा मध्य प्रदेश के भिंड, मुरैना भोपाल, रायसेन, गुना सहित करीब 25 जिलों से 500 से अधिक  लघु उद्यमी और 50  से अधिक औद्योगिक संगठन भाग लेंगे. सम्मलेन  में मुख्य रूप  से लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जीतेन्द्र गुप्ता तथा केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य सुधीर दांते उपस्थित रहेंगे. 

  इस दो दिवसीय सम्मलेन में उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, खाद्य मंत्री पारस जैन और उज्जैन - आलोट के कांग्रेस सांसद प्रेमचंद्र गुड्डू बतौर अतिथि उपस्थित रहेंगे. इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भी सम्मिलित होने की संभावना है.
                
 अलग मंत्रालय के गठन की मांग की
पत्रकारों को संबोधित करते हुए डॉ नारंग ने बताया की संगठन की मुख्य मांग है की सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के लिए एक स्वतंत्र मंत्रालय का गठन हो ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके. इसके अलावा समय समय पर लघु उद्योग भारती से सरकार का संवाद भी कायम रहना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में स्टाम्प ड्यूटी अन्य राज्यों कि तुलना में अधिक  लगता है और निर्यात कर भी वसूले जाते हैं. इसके अतिरिक्त प्रोपर्टी टैक्स और मेंटेनेंस चार्ज के नाम पर ज्यादा वसूली कि जाती है, जिससे उद्यमी हतोत्साहित होते हैं. इन सब समस्याओं के समाधान पर सम्मलेन में चर्चा होगी.