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Tuesday, 3 May 2011

दैनिक भास्कर 03/05/2011

उद्योग मंत्री के साथ नियमित बैठक होगी







भोपाल & लघु उद्योगों की समस्याओं के निदान के लिए उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय हर माह लघु उद्योग भारती के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसमें लघु उद्योगों से संबंधित समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा। लघु उद्योग भारती के प्रांत प्रभारी डॉ. अजय नारंग ने बताया कि सोमवार को विजयवर्गीय के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। नारंग ने बताया कि लघु उद्योगों के कई संगठनों ने अपनी समस्याओं के निराकरण आदि के लिए लघु उद्योग भारती से जुडऩे की बात कही है।




The pioneer

Laghu Udyog Bharti officers call on Commerce Minister
May 03, 2011   3:23:31 PM

Staff Reporter | Bhopal

Commerce and Industries Minister Kailash Vijayvargiya had a meeting with regional officers of Laghu Udyog Bharti with the purpose of solving the problem being faced by the small-scale industries, on Monday.

On April 23 and 24, a meeting of the Laghu Udyog Bharti national executive committee was held in Ujjian, in which more than 800 entrepreneurs participated. With the large set of demands, the Minister had assured that he would have regular meetings with the Laghu Udyog Bharti office bearers to address these problems.

In accordance with the promise, the Minister met the delegates on Monday, in which the participants fixed a day on which the meeting would take place every month. According to the decision, the next meet has been scheduled for the month of June.

The delegates of the Laghu Udyog Bharti expressed gratitude towards the Minister in the form of a memorandum for making a provision that no development fee would be charged in cases pertaining to the transfer of land plots under MP Industrial Land and Industrial Building Management Act.

Regional president Laghu Udyog Bharti, Ullas Vaidya, officials of the Commerce and Industry Ministry and member of the central executive committee Ajay Narang, member of regional executive committee Rajesh Mishra, national vice president Jitendra Gupta and member of the central executive committee Sudhir Dante were present on the occasion.

Narang, who is also the regional in-charge of the Laghu Udyog Bharti, told The Pioneer that with increasing inclination of smaller industrial associations, the Laghu Udyog Bharti is all set to emerge as the umbrella organisation for medium and small scale industries in the near future.



http://www.dailypioneer.com/336037/Laghu-Udyog-Bharti-officers-call-on-Commerce-Minister.html

Sunday, 24 April 2011

दैनिक पत्रिका

छोटे उद्योगों में ज्यादा रोजगार  
 
उज्जैन। छोटे और लघु उद्योग ही लोगों को रोजगार दिलाने में कारगर होते हैं, बड़े उद्योग इस कार्य में कई गुना पीछे हैं। इनकी त्रुटियों को समझकर उन्हें हल करके लघु उद्योगों को बचा लिया जाए, तो हमारा देश फिर से स्वर्ण पंछी कहलाएगा। 


कुछ ऎसे ही विचार देशभर से आए उद्यमियों ने शनिवार को हरिफाटक ब्रिज के समीप रूचिश्री गार्डन में व्यक्त किए। उद्योगपतियों ने अपनी समस्याओं व नई नीतियों को लेकर सुर मिलाया, साथ ही महाकाल की नगरी में लघु उद्योगों की संभावनाओं पर मंथन किया। सम्मेलन में मुख्य अतिथि उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्य मंत्री पारस जैन, प्रसिद्ध अर्थशास्त्री बजरंग लाल गुप्ता दिल्ली, मध्य भारत प्रांत अध्यक्ष उल्लास वैद्य आदि थे। अध्यक्षता आरएसएस के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख हस्तिमल कुमार जी ने की।

लघु उद्योग भारती के प्रदेश प्रभारी एवं केंद्रीय कार्य समिति सदस्य डॉ. अजय नारंग ने मंच के माध्यम से लघु उद्योग सम्मेलन में आए उद्यमियों की मांगों को केंद्र व राज्य सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया। कार्यक्रम में निगम सभापति सोनू गेहलोत, डॉ. मोहन यादव सहित अनेक लोग उपस्थित थे, साथ ही शहर व प्रदेशभर से आए लघु उद्यमियों ने हिस्सा लिया। 

दैनिक पत्रिका

नई उद्योग नीति बनेगी सुविधाएं बढ़ेंगी


उज्जैन। लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित दो दिवसीय मेगा सम्मेलन की समापन बेला में रविवार को नई उद्योग नीति और उसमें सुविधाएं कैसे बढ़ें, इन आयामों को लेकर चर्चा हुई।
हरिफाटक ब्रिज के समीप स्थित रूचिश्री गार्डन में लघु उद्यमी सम्मेलन के समापन अवसर पर आयोजित प्रेसवार्ता में बताया गया कि लघु उद्योगों के बेहतर विकास के लिए देश और समाज को आगे आना होगा। शुभारंभ सत्र में आए उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने उद्यमियों को आश्वस्त किया कि उद्योगों को सहायता में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी। जरूरत सिर्फ जागरूकता की है।


प्रस्तावों पर हुई चर्चा

सम्मेलन में भारत सरकार की आगामी उद्योग नीति कैसे बने, लघु उद्योगों को सरकार कैसे प्रोत्साहन दे, प्रस्तावों पर चर्चा की गई। बैंकों की ऋण योजना, एमपीएफसी से ब्याज दर कम करने की अपील की गई।

समस्याएं भी गिनाई- देशभर से आए उद्यमियों ने समस्याएं भी गिनाई। विद्युत मंडल अधिकारी उद्योग क्षेत्र में फेस बनाते हैं, इसकी जानकारी उद्योगपतियों को नहीं रहती है, जिससे अतिरिक्त बोझ ढोना पड़ता है। इस पर रोक लगाने जरूरी है, जैसी गंभीर समस्याओं पर भी चर्चा हुई। राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद जैन, राष्ट्रीय महामंत्री नंदकिशोर सिंह, मध्य भारत प्रांत अध्यक्ष उल्लास वैद्य, डॉ. अजय नारंग आदि उपस्थित थे।

दैनिक भास्कर 24/04/2011

नईदुनिया 24/04/2011


लघु उद्योगों में जगी नयी उम्मीद / दैनिक भास्कर 24/04/2011


भास्कर संवाददाता.उज्जैन
भारी उद्योग सामाजिक संरचना के पोषक नहीं होते हैं। लघु उद्योगों के जरिए ही समाज को एक नई दिशा मिलती है। अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और सामाजिक संरचना के बेहतर विकास के लिए लघु उद्योगों का बेहतर विकास होना चाहिए। वास्तविकता में किसी भी देश और समाज की पहचान लघु उद्योग ही हैं। लघु उद्योगों के विकास के लिए सभी को मिलकर साथ आने की आवश्यकता है। यह बात प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने लघु उद्यमियों के सम्मेलन में आए लघु उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कही। विजयवर्गीय ने उद्योगपतियों के समक्ष एक वाकया प्रस्तुत करते हुए बताया कि पिछली दिवाली पर वे जब अपने बच्चों के साथ खरीदारी करने गए थे तो बाजार में चाइना की चीजों को देखकर काफी आश्चर्य हुआ। विजयवर्गीय ने कहा कि इस विषय पर राष्ट्रीय चिंतन की आवश्यकता है। क्योंकि जिस तेजी के साथ चाइना की वस्तुएं बाजार में आ रही है उससे देश के कुशल कारीगरों की मेहनत को अपने ही देश में तवज्जो नहीं मिल पा रही है। लघु उद्योग से संबंधित समस्याओं को लेकर उद्योग मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि चुनौतियों के सामने खड़े रहने वाला ही असली इंसान होता है। हालांकि उन्होंने लघु उद्योग भारती के पदाधिकारियों को बातचीत के जरिए समस्याओं को हल करने का आश्वासन देते हुए राज्य सरकार के समक्ष उद्यमियों की समस्याएं रखने की बात कही। राज्यमंत्री पारस जैन ने कहा कि उज्जैन में अगरबत्ती और दोने-पत्तल का व्यापार किया जाता है। कुछ वर्ष पूर्व ही दोने-पत्तलों पर वित्त मंत्री राघवजी से चर्चा कर टैक्स 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया था। आगे भी इसी तरह की पहल सरकार के नुमाइंदे रहकर नहीं अपितु एक आम उद्यमी बनकर की जाएगी। जैन ने कहा कि छोटे और लघु उद्योग ही आगे जाकर बड़े उद्योगों का रूप धारण करते हैं।

सुदृढ़ अर्थव्यवस्था से भारत बनेगा विश्व गुरु

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था से ही उस देश की उन्नति निर्भर होती है। सुदृढ़ अर्थव्यवस्था से ही भारत विश्व गुरु बन सकता है। लघु उद्यमियों के सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. बजरंग लाल गुप्त (नईदिल्ली) ने कहा कि आज हमारे देश में विदेशी नीतियों की नकल हो रही है। जबकि नीतियां प्रत्येक देश और परिस्थिति के आधार पर बनाई जानी चाहिए। अमेरिका का उदाहरण देते हुए डॉ. गुप्त ने कहा अमेरिका ने निन्जास (आय, संपत्ति और रोजगार विहीन लोग) को बिना रिकव्हरी देखे बिना पंद्रह वर्ष पूर्व करीब 1.3 ट्रिलियन डालर के बैंकिंग लोन दिए। जिसके कारण वहां की अर्थव्यवस्थीय नीतियां आज बिगड़ रही है। अमेरिका की नकल करके हमारे देश की अर्थव्यवस्था को सुधारा नहीं जा सकता। अच्छी अर्थव्यवस्था के लिए सबको रोटी, सबको स्वास्थ्य, सबको शिक्षा और सबको रोजगार की नीति अपनाई जानी चाहिए। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए स्थानीय संसाधनों को भी पूरा महत्व दिया जाए। संस्कृति, संसाधन, पर्यावरणीय पहलू, ऊर्जा और रोजगार को मिलाकर बनी अर्थव्यवस्था ही सुदृढ़ अर्थव्यवस्था बनेगी।

नई इकाइयों के सृजन पर मंथन

सम्मेलन से पहले सुबह तीन सत्रों में लघु उद्योग भारती के पदाधिकारियों ने नए प्रदेशों सहित अन्य जिलों में नई इकाइयों के सृजन पर मंथन किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद जैन, राष्ट्रीय मार्गदर्शक सांकलचंद बागरेचा सहित वरिष्ठ पदाधिकारियों ने करीब 25 प्रांतों से आए तीन-तीन पदाधिकारियों के साथ चर्चा की। इसके साथ ही संगठन की रचना और वर्तमान परिदृश्य के साथ ही लघु उद्योगों के विकास और समस्याओं के निराकरण के लिए किए जाने वाले प्रयासों के संबंध में विचार-विमर्श किया। बैठक में करीब महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़ सहित 25 राज्यों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

यह रखी उद्योग मंत्री के समक्ष प्रमुख मांगें

लघु उद्योगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों।

वर्ष 2010 की उद्योग संवर्धन नीति में लघु उद्योगों के लिए किए गए मात्र 

13 करोड़ की राशि के प्रावधान को बढ़ाया जाए।

इंदौर में पोलो ग्राउंड व सांवेर रोड स्थित इंडस्ट्रियल एरिया की सड़क बनाई जाए।

शासन की प्रस्तावित इंडस्ट्रियल टाउन शिप योजना में आ रही कठिनाइयों 

को दूर किया जाकर उसे शीघ्र लागू किया जाए।

लघु उद्योगों में विद्युत मंडल की विजिलेंस की टीमें छापामारी की कार्रवाई नहीं करते हुए एमडी मीटरों के आधार पर शुल्क वसूल करे।

गुना में उद्योगों के लिए स्थापित बिजली योजना को शीघ्र मंजूरी दी जाए।

डीएमआईसी कॉरिडोर को दी जाने वाली सुविधाएं वर्तमान और नए उद्योगों को भी दी जाएं।

स्टाम्प ड्यूटी को कम कर उसे स्पष्ट किया जाए।

क्रय संग्रहण नीति के अंतर्गत धान को भी शामिल किया जाए। जिससे पोहा मिलों को फायदा हो सके।

कम दर पर लघु उद्योगों को कर्ज मुहैया कराया जाए।

25 लाख रु. तक की पूंजी एवं 25 कर्मचारियों वाले लघु उद्योगों में श्रम कानून को समाप्त किया जाए।

राज्य सरकार में लघु उद्योगों के लिए अलग से मंत्रालय बनाया जाए।

राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद जैन ने मांग की कि खाली पड़ी भूमि को उद्योग हेतु दिया जाए। साथ ही सरकार नीतियां निर्धारण करते समय लघु उद्यमियों की बातें सुने।